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'वे दिन बहूत अच्छे थे'

शरद जी चीनी खा लो...

गागर में सागर, भारत देश

घर छोड़ते ही रिश्तों की तलाश

मैं हरिद्वार गया था, अमर ने इस्तीफा दे दिया

ठण्ड में चाय बना चश्मा