मुस्कुराने का बहाना तलाशो



हम अपनी रोज की समस्याओं में इतना उलझे रहते हैं कि जीवन का सबसे अमूल्य वरदान हंसना ही भूल जाते हैं। इस बात का एहसास तब जाता होता है जब किसी पार्टी में एक छोटी सी बात पर देर तक ठहाके लगाने के बाद कई लोग एक साथ कह बैठते हैं यार बहुत दिन बाद इतना हंसने का मौका मिला। यकीन मानिए ऐसे मौकों पर आजकल मुझे बड़ी कोफ्त होती है कि हंसने का बहाना ही नहीं तलाश पाते हैं लोग। फील गुड का एहसास ही नहीं जगा पाते हैं लोग। न जाने किस धुन में खो जाते हैं लोग कि हंसना ही भूल जाते हैं लोग। कई प्रकार के सर्वे में भी पता चला है कि हंसते-मुस्कुराते रहने से दिल की गंभीर बीमारियों से निजात मिलता है। हमें अपनी रोजमर्रा की समस्याओं से लडऩे के लिए आत्मिक शक्ति यानी औरा भी हासिल होता है। इसीलिए अब मैंने घर हो या बाहर हंसने और हंसाने का बीड़ा उठा रखा है। यकीन मानिए, आजकल खुब हंस रहा हूं और जमकर हंसा रहा हूं। हां, मैं मानता हूं कि कई लोगों को मसखरा स्वभाव नहीं पसंद है, वे खड़ूस बने रहने में अपनी भलाई समझते हैं। ऐसे लोगों का भगवान ही भला करे......। लिखा कम है, समझिएगा ज्यादा।
फिर मिलेंगे, राम-राम:-)

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