अलविदा on April 09, 2018 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps कोपलों में अब भी कुछ हसरतें ले रही हैं करवटें नींद में भी गिनते रहे मखमली चादर की सिलवटें दोस्ती कुछ ऐसी हुई उनसे दुश्मनी के साथ-साथ चार कदम चलकर वो खो गए घर जाती मोड़ पर अब कुछ तो अहसास उनको भी हुआ ही होगा वरना कोई यूं ही अलविदा कहकर रोता नहीं... Comments
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