कामयाबी शब्द दिल में उजाले को जन्मा देती है। बडी बेसब्री से लोग करते हैं इसका इंतजार। कोई एक साल, कोई दो साल, कोई सालों साल तो कोई कुछ पल। मगर इंतजार की इस परीक्षा से सभी कामयाब लोगों को एक बार गुजरना पडा है। हां, इस बीच उन पर, हम पर और सब पर एक साया जरूर छा जाता है। उस छाए हुए साया का नाम है कुंठा। जी हां, कुंठा कामयाबी की छाया है। बशर्ते हम उसे खुदपर हावी न होने दें। उससे लडें, झगडें और मजबूर कर दें कि वह जाए और कामयाबी आए। मगर अफसोस है कि इस प्रतिस्पर्धा में कुंठा कामयाबी को लोगों से दूर करती जा रही है। इसलिए मेरी सलाह है कि इस कुंठा को दिल से निकालकर कामयाबी को पाने की कोशिश करें।
Comments
sk
कामयाबी आयेगी तभी उसकी छाया होगी
अगर कामयाबी आ गयी तो कुंठा आने का प्रश्न ही नहीं खडा होता प्लीज इस थोडा प्रकाश डाले
आपका गुलशन द्विवेदी
आपको शुभकामनाएं